Jharkhand CM हेमंत सोरेन के ये 3 मास्टर स्ट्रोक... देखते-देखते बदल देगी युवाओं की जिंदगी...
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को झारखंड विधानसभा में तीन अहम घोषणाएं की। राज्य सरकार तकनीकी रूप से प्रशिक्षित लोगों को पांच हजार रुपये का प्रोत्साहन भत्ता देगी। इतना ही नहीं इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाली विधवा, दिव्यांग और आदिम जनजाति से जुड़े लोगों को अतिरिक्त पचास प्रतिशत राशि दी जाएगी। झारखंड में संचालित निजी कारखानों और निजी कंपनियों में स्थानीय को 75 प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी सदन से साझा करते हुए कहा कि उनकी सरकार लोकतांत्रिक मर्यादा को लेकर प्रतिबद्ध है। कहा, सरकार बनने के बाद से जनहित में कई कार्य लगातार किए जा रहे हैं। इस दौरान सरकार ने कई चुनौतियां भी देखी लेकिन 12 मार्च को कैबिनेट की बैठक में कुछ ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं।
जिससे सदन को अवगत कराना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नियोजन के तहत तकनीकी रूप से प्रशिक्षित उम्मीदवारों को मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना मद से प्रतिवर्ष 5000 रुपये दिए जाएंगे। विधवा, दिव्यांग और आदिम जनजाति के लोगों को अतिरिक्त 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि सड़क दुर्घटना में अगर किसी की मृत्यु होती है तो उसके आश्रित को तत्काल एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
यह राशि राज्य आपदा प्रबंधन कोष से मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत पद पर नियोजन दिए जाने की जानकारी भी सदन को दी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि चूंकि यह तीनों नीतिगत फैसले हैं इसलिए सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार ने सदन में इसकी घोषणा करने का फैसला लिया।
आरक्षण की अवहेलना पर दो लाख तक जुर्माना, एक हजार रोज की पेनाल्टी भी
राज्य में 30 हजार रुपये प्रति माह तक की प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसद स्थानीय लोगों (विस्थापितों और कोरोना संक्रमण के दौरान महानगरों से लौटे लोगों को शामिल करते हुए) के लिए आरक्षित किए जाने के साथ ही राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि इसकी अवहेलना करने पर जुर्माना तो लगेगा ही, कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। अलग-अलग धाराओं की अवहेलना पर सरकार ने 10 हजार रुपये लेकर दो लाख रुपये तक जुर्माना का प्रविधान रखा है और एक बार दोष सिद्ध हो जाने के बाद भी स्थिति यथावत रहने पर प्रति दिन एक हजार रुपये की पेनाल्टी भी लगेगी।
सरकार जब चाहेगी नियुक्तियों की जांच करेगी, कंपनियों को हर तीन महीने में देनी होगी जानकारी
प्राइवेट सेक्टकर की कंपिनयों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि हर तीन महीने में अपने कर्मियों की सूची ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजिनक करें। इसके पूर्व सभी नियोक्ताओं के लिए पंजीकरण आवश्यक होगा और पुरानी कंपनियों के लिए अधिनियम लागू होने के बाद की रिक्तियों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रखने का प्रविधान किया गया है। इतना ही नहीं, कंपनियां उन्हीं लोगों को नियुक्त कर पाएंगी जो पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत हों। योग्य उम्मीदवारों के नहीं मिलने की स्थिति में कंपनियों को राहत भी दी जा सकती है।
सभी नियोक्ताओं के लिए जरूरी होगा पंजीकरण, तीन महीने के अंदर सार्वजनिक करनी होगी सूचना
जानकारी के अनुसार झारखंड में खुलनेवाली नई कंपनियों में यह नियम तो प्रभावी होगा ही, पहले से संचालित कंपनियों को भी इसके दायरे में लाया गया है। कंपनियों को इस अधिनियम के लागू होने के बाद कुल रिक्तियों के हिसाब से 75 प्रतिशत रिक्तियों को स्थानीय लोगों के बीच से भरना होगा। इसमें 30 हजार रुपये प्रति माह वेतन की सीमा का पालन तो होगा ही। दस अथवा इससे अधिक कर्मियों के साथ चलनेवाली कंपनियां अपने वर्तमान कर्मियों को पोर्टल के माध्यम से निबंधित कराएंगी ताकि सरकार को सही जानकारी मिल सके। राज्य सरकार जब चाहेगी कंपनियों के दस्तावेजों की जांच कर सकती है और संबंधित पदाधिकारी कंपिनयों से किसी भी दस्तावेज की मांग कर सकते हैं।
सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु राज्य की विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित
झारखंड राज्य में सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु को राज्य की विशिष्ट आपदा घोषित किया गया है। इसके तहत तय किया गया है कि राज्य के भौगोलिक क्षेत्र में सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु (देश के किसी भी राज्य के नागरिक) के लिए मृतक के आश्रित या हकदार को एक लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के बजट शीर्ष से दी जाएगी। इस बाबत उपायुक्त को शक्ति प्रदान की गई है।
उपायुक्त द्वारा अनुग्रह अनुदान का भुगतान पोस्टमार्टम प्रतिवेदन के आधार पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के निर्णय के आलोक में मृतक के आश्रित के बैंक खाते में डीबीटी, एनईईएफटी या आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किया जाएगा। हालांकि यह वैसे मृत व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा जो झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के अंतर्गत निबंधित हैं।